Mokama Election 2025 News | Mokama Vidhan Sabha Result | Anant Singh Wins Again | RJD Veena Devi Defeated
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि मोकामा की जनता के दिल में अनंत सिंह (Anant Kumar Singh) के लिए जो भरोसा और अपनापन है, वह आज भी अटूट है। मोकामा विधानसभा क्षेत्र ने एक बार फिर अपने “अपने नेता” के रूप में पहचाने जाने वाले अनंत सिंह को भारी मतों से विजयी बनाया। इस चुनाव में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की प्रत्याशी वीणा देवी को निर्णायक अंतर से हराते हुए एक बार फिर अपने राजनीतिक वर्चस्व को स्थापित किया है।(Anant Singh Wins Again)
लगातार विश्वास की जीत: 2005 से जारी है ‘अनंत’ का सफर
अनंत कुमार सिंह का राजनीतिक करियर मोकामा विधानसभा के साथ गहराई से जुड़ा रहा है। साल 2005 से लेकर 2025 तक, चाहे वह जदयू (JDU) के टिकट पर चुनाव लड़े हों, राजद (RJD) से मैदान में उतरे हों या फिर निर्दलीय उम्मीदवार (Independent Candidate) के रूप में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया हो—हर बार जनता ने उन्हें अपार समर्थन दिया है।यही वजह है कि मोकामा में यह कहा जाता रहा है—“मोकामा में चुनाव नहीं, अनंत सिंह के नाम पर जनमत होता है।”इस बार भी वही हुआ। जनता ने हर दल, हर समीकरण और हर राजनीतिक रणनीति से ऊपर उठकर अनंत सिंह के प्रति अपने विश्वास को प्राथमिकता दी।(Anant Singh Wins Again)
विकास और जनसंपर्क की राजनीति का मिला इनाम
मोकामा एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ राजनीतिक समीकरण कई बार बदलते रहे, लेकिन जनता के दिलों में अनंत सिंह की छवि एक ऐसे नेता की बनी रही—
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जो हर वर्ग के लोगों से सीधे जुड़ते हैं
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जो छोटे से छोटे व्यक्ति की समस्या पर तत्परता से प्रतिक्रिया देते हैं
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जो अपनी सक्रियता और जमीन से जुड़े रहकर राजनीति करते हैं
इस बार के चुनाव में भी गाँव-गाँव, पंचायत-पंचायत तक अनंत सिंह के पक्ष में लहर देखी गई।कई बूथों पर यह देखा गया कि मतदाता साफ कह रहे थे—“हमारा वोट विकास और सुरक्षा के लिए है, और ये दोनों अनंत सिंह ही ला सकते हैं।” (Anant Singh Wins Again)
राजनीतिक विश्लेषण: क्यों ‘अनंत’ ही मोकामा की पहली पसंद?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार मोकामा विधानसभा का राजनीतिक इतिहास काफी जटिल रहा है, लेकिन एक बात हमेशा स्थिर रही—अनंत सिंह की पकड़ और जनसरोकारों में उनकी लगातार उपस्थिति।
चुनाव विशेषज्ञ इसकी कई वजह बताते हैं:
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मजबूत जनाधार (Strong Grassroot Base)
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व्यक्तिगत करिश्मा (Mass Appeal & Charisma)
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विरोधियों की कमजोर संगठनात्मक तैयारी
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स्थानीय मुद्दों पर आक्रामक रुख
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सालों से ग्रामीण वोटरों के साथ सीधा संपर्क
इसी वजह से 2025 का चुनाव भी अनंत सिंह के पक्ष में स्पष्ट रूप से झुका हुआ था।(Anant Singh Wins Again)
वीणा देवी को मिली हार—RJD कैडर के मेहनत के बावजूद न चल सका जादू
राजद की मजबूत उम्मीदवार वीणा देवी ने चुनाव में पूरी ताकत लगा दी थी।
पार्टी संगठन और कैडर ने भी रणनीतिक रूप से चुनाव लड़ने का प्रयास किया, लेकिन मैदान पर स्थितियाँ उनके पक्ष में नहीं जा सकीं।
रिपोर्ट्स के अनुसार—
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कई क्षेत्रों में RJD को अपेक्षित समर्थन नहीं मिला
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तमाम प्रचार और वादों के बावजूद जनता का झुकाव आखिरी समय तक अनंत सिंह की ओर ही रहा
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बूथ लेवल पर लोकल समीकरण अनंत सिंह के पक्ष में मजबूत रहे
इस तरह एक कड़ी टक्कर की उम्मीद के बाद भी परिणाम अनंत सिंह की भारी जीत में बदल गया।(Anant Singh Wins Again)
मोकामा के लोगों की राय—“हमने नेता नहीं, अपना बेटा चुना है”
परिणामों के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए कई स्थानीय मतदाताओं ने कहा—
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“अनंत जी हमारे सुख-दुख में हमेशा साथ रहे हैं।”
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“नेता तो बहुत आते हैं, लेकिन जनता के बीच हमेशा कोई-कोई रहता है—वह हैं अनंत सिंह।”
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“हमने काम देखा है, रिश्तेदारी नहीं।”
इस चुनाव में पहली बार वोट कर रहे कई युवा मतदाताओं ने भी माना कि—
“अनंत सिंह के कारण मोकामा की पहचान बनी है, इसलिए उन्हें जीतना ही था।”(Anant Singh Wins Again)
राजनीतिक भविष्य—क्या अब राज्य राजनीति में बढ़ेगा प्रभाव?
मोकामा से 2025 की यह जीत अनंत सिंह के लिए राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
विश्लेषक यह भी मानते हैं कि—
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राज्य राजनीति में उनका प्रभाव और मजबूत होगा
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गठबंधन राजनीति में उनकी भूमिका और निर्णायक हो सकती है
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मोकामा और बाढ़ क्षेत्र में विकास की योजनाओं को और रफ्तार मिलने की संभावना है
अनंत सिंह का यह कहना भी सामने आया है कि—
“मोकामा की जनता ने जो प्यार दिया है, उसके बदले विकास की ऐसी धारा बहाएँगे कि आने वाला हर चुनाव जनता का आशीर्वाद बनकर मिलेगा।”2025 के चुनाव नतीजों ने यह साफ कर दिया है कि मोकामा और अनंत सिंह का रिश्ता सिर्फ राजनीति का नहीं, बल्कि भरोसे और जुड़ाव का है।लगातार दो दशक से ऊपर के जनसमर्थन ने एक बार फिर दोहराया है कि—मोकामा की जनता आज भी अनंत को अपना नेता नहीं, अपना अपना मानती है।(Anant Singh Wins Again)
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