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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिनेता गोवर्धन असरानी के निधन पर जताया शोक, कहा – “वे एक प्रतिभाशाली मनोरंजनकर्ता और बहुमुखी कलाकार थे”

(PM Narendra Modi Condoles Death of Govardhan Asrani | Govardhan Asrani Death News | Bollywood Veteran Actor Dies at 84)

मुंबई, 21 अक्टूबर 2025 – भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता और कॉमेडी के दिग्गज गोवर्धन असरानी (Govardhan Asrani) के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। सोमवार, 20 अक्टूबर की शाम 84 वर्ष की आयु में असरानी जी ने मुंबई के जुहू स्थित आरोग्य निधि अस्पताल (Arogya Nidhi Hospital, Juhu) में अंतिम सांस ली। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे और फेफड़ों में पानी भर जाने के कारण उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी।उनके निधन की खबर दीपावली की रात आई, जिसने लाखों प्रशंसकों और फ़िल्म जगत को गहरे सदमे में डाल दिया। असरानी जी की अंतिम यात्रा सांताक्रूज़ श्मशान घाट (Santacruz Crematorium) में सादगीपूर्वक संपन्न हुई, जहां सिर्फ़ परिवार के नज़दीकी सदस्य मौजूद थे।(asrani)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि (Prime Minister Narendra Modi paid tribute)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने असरानी जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए एक्स (X, पूर्व में ट्विटर) पर लिखा —

“श्री गोवर्धन असरानी जी के निधन से गहरा दुःख हुआ। वे एक प्रतिभाशाली मनोरंजनकर्ता (Gifted Entertainer) और एक बहुमुखी कलाकार (Versatile Artist) थे, जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी दर्शकों का मनोरंजन किया। उन्होंने अपनी अविस्मरणीय भूमिकाओं से अनगिनत लोगों के जीवन में हंसी और खुशी भरी। भारतीय सिनेमा में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएँ। ॐ शांति।

प्रधानमंत्री के इस संदेश के बाद सोशल मीडिया पर #Asrani और #RIPAsrani जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लाखों प्रशंसकों और सेलेब्रिटीज़ ने उनके योगदान को याद करते हुए भावनात्मक संदेश साझा किए।(asrani)

बॉलीवुड जगत में शोक की लहर(Wave of mourning in Bollywood world)

अमिताभ बच्चन, जॉनी लीवर, शबाना आज़मी, और अनुपम खेर जैसे कई वरिष्ठ कलाकारों ने असरानी को श्रद्धांजलि दी। अमिताभ बच्चन ने लिखा,

“असरानी जी के साथ कई यादगार पल काम करते हुए बिताए। उनकी कॉमेडी टाइमिंग, उनकी मासूमियत और संवादों में जान डालने का अंदाज़ अद्वितीय था। उनके जाने से एक युग समाप्त हो गया।”

कॉमेडियन जॉनी लीवर ने कहा —

“असरानी साहब ने हमें सिखाया कि हँसी भी एक कला है। उन्होंने हर किरदार में एक अलग पहचान बनाई। उनका जाना हम सबके लिए एक निजी नुकसान है।”

असरानी – एक ऐसा चेहरा जो हर पीढ़ी के दिल में बस गया(Asrani – A face that has captured the hearts of every generation)

गोवर्धन असरानी का जन्म 1 जनवरी 1941 को जयपुर, राजस्थान में हुआ था। उन्होंने पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया (FTII) से अभिनय की शिक्षा प्राप्त की। 1960 के दशक में उन्होंने हिंदी सिनेमा में कदम रखा और देखते ही देखते अपनी बेहतरीन कॉमेडी और चरित्र भूमिकाओं से दर्शकों के दिलों पर राज किया।

उनकी सबसे यादगार भूमिकाओं में शामिल हैं —

  • “शोले” (Sholay) में जेलर का किरदार — “हम अंग्रेज़ों के ज़माने के जेलर हैं” संवाद आज भी दर्शकों की ज़ुबान पर है।

  • “चुपके चुपके”, “अभिमान”, “गोलमाल”, “अमदानी अठन्नी खर्चा रुपैया”, और “राजा बाबू” जैसी फ़िल्मों में असरानी ने हर बार अपनी कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हँसी से लोटपोट किया।

उनका करियर छह दशकों से भी अधिक समय तक चला, जिसमें उन्होंने लगभग 350 से अधिक फ़िल्मों में अभिनय किया। असरानी जी न सिर्फ़ एक शानदार कॉमेडियन थे, बल्कि उन्होंने चरित्र भूमिकाओं में भी गहरी छाप छोड़ी।(asrani)

पर्दे के पीछे का संवेदनशील इंसान(The sensitive man behind the scenes)

असरानी केवल एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और अनुशासित व्यक्ति थे। उनके साथ काम करने वाले कलाकार अक्सर बताते थे कि वे सेट पर हमेशा समय से पहुँचते थे और नए कलाकारों को मार्गदर्शन देने में कभी हिचकिचाते नहीं थे।उनकी पत्नी मेनका असरानी भी एक जानी-मानी अभिनेत्री हैं। दोनों की जोड़ी को इंडस्ट्री का आदर्श दंपति कहा जाता था। असरानी अपने परिवार, दोस्तों और फ़ैंस के प्रति बेहद स्नेही और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे।(asrani)

असरानी की विरासत (Asrani’s Legacy in Indian Cinema)

गोवर्धन असरानी ने भारतीय सिनेमा को यह सिखाया कि हास्य सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव भी है। उनके संवाद, हावभाव और अभिव्यक्ति ने उन्हें ऐसा कलाकार बना दिया जिसे हर उम्र के लोग पसंद करते हैं।आज जब बॉलीवुड में रियलिस्टिक सिनेमा और डार्क थीम्स का दौर है, असरानी की कॉमेडी दर्शकों को याद दिलाती है कि हँसी भी एक इलाज है — “लाफ्टर इज़ थेरेपी।”गोवर्धन असरानी का निधन केवल बॉलीवुड के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने अपने अभिनय से न सिर्फ़ सिनेमा को ऊँचाइयों पर पहुँचाया बल्कि हर आम भारतीय के जीवन में मुस्कान भर दी।

“शोले के जेलर साहब चले गए, लेकिन उनकी हँसी, उनका अंदाज़ और उनके संवाद हमेशा भारतीय सिनेमा की धरोहर बनकर रहेंगे।”

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