बिहार चुनाव 2025 एग्जिट पोल: एनडीए को दो-तिहाई बहुमत, महागठबंधन सिमटा 70-90 सीटों तक
(Bihar Election Exit Poll Results 2025 | NDA vs Mahagathbandhan | Bihar Assembly Election 2025)
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मतदान समाप्त होने के साथ ही राज्य का सियासी तापमान अपने चरम पर पहुंच गया है। एग्जिट पोल (Exit Polls 2025) के शुरुआती रुझानों ने यह साफ संकेत दे दिया है कि बिहार की सत्ता की कुर्सी पर एक बार फिर एनडीए (NDA) का कब्ज़ा बरकरार रहने वाला है। अधिकांश एग्जिट पोल में एनडीए गठबंधन को दो-तिहाई बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया है, जबकि महागठबंधन (Mahagathbandhan) के लिए यह चुनाव निराशाजनक साबित होता दिख रहा है।(Bihar Election Exit Poll Results 2025)
एग्जिट पोल के मुख्य आंकड़े
ताजा एग्जिट पोल के अनुसार, एनडीए को 133 से 159 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, महागठबंधन को केवल 70 से 90 सीटों तक सिमटने का अंदेशा जताया गया है।पीपुल्स पल्स (People’s Pulse Exit Poll 2025) के सर्वे के मुताबिक, एनडीए को करीब 46.2% वोट शेयर, जबकि महागठबंधन को 37.4% वोट शेयर मिलने की संभावना है।अगर ये अनुमान सही साबित होते हैं, तो बिहार की सियासत में यह नतीजा नीतीश कुमार और केंद्र सरकार की नीतियों के लिए एक बड़ी स्वीकृति मानी जाएगी।(Bihar Election Exit Poll Results 2025)
सीटों का अनुमानित ब्योरा (Exit Poll Seat Projection 2025)
| गठबंधन | अनुमानित सीटें | वोट प्रतिशत (%) |
|---|---|---|
| एनडीए (NDA) | 133–159 | 46.2 |
| महागठबंधन (MGB) | 70–90 | 37.4 |
| जन सुराज / निर्दलीय / अन्य (Others) | 10–15 | 6.4 |
बिहार में किसने किया असरदार प्रदर्शन?
एग्जिट पोल के मुताबिक, इस बार एनडीए को ग्रामीण इलाकों, महिलाओं और पहली बार वोट देने वाले युवाओं से बड़ा समर्थन मिला है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की संयुक्त रैलियों ने एनडीए के पक्ष में मजबूत माहौल बनाया। वहीं, महागठबंधन की ओर से लालू यादव और तेजस्वी यादव की रैलियों ने कुछ सीटों पर प्रभाव तो डाला, लेकिन समग्र रूप से जनता में परिवर्तन की लहर कमजोर दिखी।(Bihar Election Exit Poll Results 2025)
एनडीए की रणनीति रही सटीक
एनडीए ने इस बार “विकास और स्थिरता” के एजेंडे पर चुनाव लड़ा।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में “10 साल में 10 लाख नौकरियां” और “महिला सशक्तिकरण” के मुद्दे को प्रमुखता दी।
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बीजेपी ने प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और डबल इंजन सरकार के मॉडल को वोटरों तक पहुंचाया।
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जेडीयू (JDU) ने स्थानीय नेतृत्व और पंचायत स्तर तक बूथ प्रबंधन को सशक्त किया, जिसका सीधा फायदा एनडीए को मिला।
महागठबंधन की कमज़ोरियां
महागठबंधन (RJD-Congress-Left) इस बार नेतृत्व और संदेश की स्पष्टता में पिछड़ता नजर आया।
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तेजस्वी यादव ने युवाओं को नौकरी देने का वादा किया, लेकिन पिछले कार्यकाल की यादें मतदाताओं को ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाईं।
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कांग्रेस का संगठन कमजोर पड़ा और वाम दल सीमित इलाकों में ही असर छोड़ सके।
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सीट बंटवारे और उम्मीदवार चयन को लेकर भी महागठबंधन में मतभेद की खबरें सामने आईं, जिससे जनता में भ्रम की स्थिति बनी रही।
राजनीतिक विश्लेषण: क्यों एनडीए के पक्ष में गया वोट?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस बार बिहार में तीन प्रमुख फैक्टर एनडीए के पक्ष में गए—
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डबल इंजन सरकार की स्थिरता का भरोसा
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महिलाओं और युवाओं का झुकाव एनडीए की ओर
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विकास और सुरक्षा का मुद्दा
क्या बदलेगा बिहार का सियासी समीकरण?
अगर एग्जिट पोल के आंकड़े सही साबित होते हैं, तो यह परिणाम बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव साबित होगा।
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नीतीश कुमार एक बार फिर स्थिरता और प्रशासनिक अनुभव का चेहरा बनकर उभरेंगे।
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चिराग पासवान के नेतृत्व में लोजपा (रामविलास) को भी कुछ क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलता मिलने की संभावना जताई गई है।
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दूसरी ओर, महागठबंधन को रणनीतिक पुनर्विचार करना पड़ेगा।
जन सुराज और अन्य दलों का प्रदर्शन
जन सुराज आंदोलन (Pawan Kalyan / Prashant Kishor movement) से जुड़े प्रत्याशी कुछ सीटों पर प्रभाव डाल सकते हैं, लेकिन एग्जिट पोल में उन्हें सीमित सफलता मिलती दिख रही है।अन्य छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को कुल 10–15 सीटों तक का अनुमान दिया गया है, जो भविष्य में गठबंधन राजनीति में किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं।(Bihar Election Exit Poll Results 2025)
सोशल मीडिया पर छाया “मोदी-नीतीश फैक्टर”
बिहार चुनाव 2025 में सोशल मीडिया ने निर्णायक भूमिका निभाई।
ट्विटर (X), फेसबुक और व्हाट्सएप समूहों पर #BiharElection2025, #NDAWinningAgain, और #TejashwiYadav जैसे हैशटैग ट्रेंड करते रहे।एनडीए समर्थकों ने “विकास का वोट” और “सुरक्षित बिहार” के नारे से मतदाताओं को प्रभावित किया।बिहार चुनाव 2025 के एग्जिट पोल्स ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में जनता ने फिर से स्थिर सरकार को प्राथमिकता दी है।एनडीए के लिए यह सिर्फ राजनीतिक जीत नहीं, बल्कि जनविश्वास की पुनः पुष्टि है।
वहीं, महागठबंधन के लिए यह संकेत है कि उन्हें अपनी रणनीति, नेतृत्व और जमीनी पकड़ पर गंभीरता से पुनर्विचार करने की जरूरत है। अगर एग्जिट पोल के ये रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं, तो बिहार में एनडीए की वापसी ऐतिहासिक कही जाएगी।(Bihar Election Exit Poll Results 2025)
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