मोकामा में फिर चुनावी हिंसा: सेव छाप उम्मीदवार राहुल कुमार पर जानलेवा हमला, पुलिस की निष्क्रियता पर उठे सवाल Mokama Attack Rahul Kumar Assault

Mokama Attack Rahul Kumar Assault

मोकामा, 10 नवम्बर 2025:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच एक बार फिर मोकामा विधानसभा क्षेत्र (Mokama Constituency) राजनीतिक हिंसा की चपेट में आ गया है।30 अक्टूबर को जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव (Dularchand Yadav) की हत्या के बाद भी जब माहौल पूरी तरह शांत नहीं हो पाया था,  कल रात एक और सनसनीखेज हमला हुआ — इस बार निशाना बने सेव छाप (Apple Symbol) के उम्मीदवार राहुल कुमार (Rahul Kumar)।यह घटना शुक्रवार देर रात करीब 9:30 बजे की है जब राहुल कुमार मोकामा बाजार में मूंगफली खरीद रहे थे। इसी दौरान दो युवकों — शिवम कुमार और सत्यम कुमार, जो वार्ड नं. 18 निवासी रामशंकर सिंह के पुत्र हैं — ने उन पर लाठी और रॉड से हमला कर दिया।(Mokama Attack Rahul Kumar Assault)

हमले का पूरा घटनाक्रम: भीड़ के बीच सरेआम मारपीट

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोनों हमलावर पहले से घात लगाए बैठे थे।जैसे ही राहुल कुमार अपनी स्कूटी रोककर एक मूंगफली वाले से बात करने लगे, दोनों अचानक पहुंचे और उन्हें  लाठियों और रॉड से बेरहमी से पीटने लगे।हमले के दौरान आरोपी लगातार राहुल कुमार चुनाव लड़ने को लेकर गली गलौज कर रहे  थे और राहुल कुमार से “कभी चुनाव न लड़ने ” की धमकी दे रहे थे।राहुल कुमार किसी तरह खुद को छुड़ाकर एक नजदीकी दुकान में शरण लिए और वहां से पुलिस को फोन किया।
लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक, पुलिस  देरी से मौके पर पहुंची।इस बीच आरोपी शिवम और सत्यम वहां से फरार हो गए।राहुल कुमार को गंभीर चोटें आई हैं — उनके हाथ, सिर और पीठ पर गहरे निशान हैं। उन्हें तुरंत डॉ वैद्यनाथ शर्मा रेफरल  अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया, लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उन्हें अगले 5 दिन आराम करने को कहा  गया।(Mokama Attack Rahul Kumar Assault)

राजनीतिक साजिश की बू: आरजेडी से जुड़ रहे हैं धागे

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, दोनों हमलावर राजद समर्थक (RJD Supporters) बताए जा रहे हैं।आरोपियों के पिता रामशंकर सिंह का घर वार्ड न. 18  है, और उन्होंने अपने गौशाला रोड़ वाले मकान को हाल ही में राजद उम्मीदवार के चुनावी कार्यालय के रूप में उपलब्ध कराया था।इससे इलाके में चर्चा है कि हमले के पीछे राजनीतिक रंजिश या साजिश (Political Conspiracy) हो सकती है।कई ग्रामीणों का कहना है कि यह हमला सेव छाप उम्मीदवार राहुल कुमार की बढ़ती लोकप्रियता से विरोधियों की घबराहट का नतीजा है।(Mokama Attack Rahul Kumar Assault)

राहुल कुमार का बयान — “मैंने लोकतंत्र चुना, अपराध नहीं”

सेव छाप के उम्मीदवार राहुल  कुमार ने मीडिया से कहा —“मैंने लोकतंत्र की राह चुनी थी, अपराध की नहीं।लेकिन आज मुझे उसी लोकतंत्र में जान से मारने की कोशिश की गई।मैं जनता के बीच विकास और पारदर्शिता की बात कर रहा था, शायद यही कुछ लोगों को रास नहीं आया।मैं प्रशासन से न्याय की उम्मीद करता हूँ और चाहता हूँ कि दोषियों को सख्त सजा मिले।” उनके समर्थकों ने आरोप लगाया है कि यह हमला पूर्व नियोजित (Pre-Planned) था और हमलावरों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।(Mokama Attack Rahul Kumar Assault)

मोकामा: एक सीट, कई दावेदार और हिंसा का पुराना इतिहास

मोकामा विधानसभा सीट इस बार बिहार चुनाव 2025 की सबसे चर्चित सीटों में से एक है।
यहां कई बड़े चेहरे आमने-सामने हैं —

  • जेडीयू (JDU) से बाहुबली अनंत सिंह (Anant Singh)

  • आरजेडी (RJD) से वीणा देवी (Veena Devi), जो सूरजभान सिंह (Surajbhan Singh) की पत्नी हैं

  • जन सुराज (Jan Suraj) से युवा चेहरा पीयूष प्रियदर्शी (Piyush Priyadarshi)

  • सेव छाप के उम्मीदवार राहुल कुमार, जो स्वतंत्र रूप से मैदान में हैं

इसी बहुकोणीय मुकाबले ने मोकामा को राजनीतिक रूप से सबसे संवेदनशील (Politically Sensitive) बना दिया है।
हाल के दिनों में तीन बड़े हमले हो चुके हैं —

  1. 30 अक्टूबर: जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या

  2. 2 नवम्बर: दो प्रत्याशियों के समर्थकों में झड़प

  3. 9 नवम्बर: सेव छाप उम्मीदवार राहुल कुमार पर हमला(Mokama Attack Rahul Kumar Assault)

स्थानीय विश्लेषण: सेव छाप की बढ़ती लोकप्रियता ने बढ़ाई बेचैनी

राहुल कुमार पिछले कुछ महीनों में मोकामा नगर परिषद और आसपास के ग्रामीण इलाकों में काफी सक्रिय रहे हैं।
उन्होंने युवा रोजगार, शिक्षा और भ्रष्टाचार विरोध जैसे मुद्दों पर प्रचार किया, जिससे वे आम मतदाताओं के बीच लोकप्रिय हो गए।राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार —“सेव छाप राहुल कुमार ने युवाओं और प्रथम मतदाताओं में तेजी से पकड़ बनाई थी।यही कारण है कि प्रतिद्वंद्वी गुटों ने उन्हें निशाना बनाया, ताकि उनका चुनावी अभियान कमजोर किया जा सके।”(Mokama Attack Rahul Kumar Assault)

स्थानीय नागरिकों और संगठनों की मांगें

घटना के बाद मोकामा बाजार समिति और स्थानीय व्यापार मंडल ने संयुक्त रूप से प्रशासन से तीन प्रमुख मांगें की हैं —

  1. हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी।

  2. उम्मीदवार राहुल कुमार को सुरक्षा दी जाए।

  3. चुनावी माहौल शांतिपूर्ण रखने के लिए पुलिस गश्त और सीसीटीवी निगरानी बढ़ाई जाए।

इसके अलावा, जन सुराज, जेडीयू, और आरजेडी के स्थानीय नेताओं ने भी इस घटना की निंदा की है और निष्पक्ष जांच की मांग की है।(Mokama Attack Rahul Kumar Assault)

क्या “सुशासन की पुलिस” सो रही थी?

यह घटना एक बार फिर प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर कड़े सवाल खड़े करती है।लोगों का कहना है कि जब चुनाव जैसे संवेदनशील समय में एक प्रत्याशी पर ही हमला हो जाए, तो आम जनता की सुरक्षा की क्या गारंटी है?एक स्थानीय नागरिक विकास कुमार  ने कहा —“सुशासन का दावा करने वाली सरकार को पहले मोकामा की सच्चाई देखनी चाहिए।यहां पुलिस सिर्फ दिखावे के लिए गश्त करती है, लेकिन अपराधी खुलेआम घूमते हैं।”मोकामा की यह घटना एक बार फिर बिहार की चुनावी सच्चाई को उजागर करती है —जहां लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा हिंसा, भय और सत्ता संघर्ष के बीच होती है।
सेव छाप उम्मीदवार राहुल कुमार पर हमला न केवल एक व्यक्ति पर वार है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रणाली पर भी चोट है।अब सबकी निगाहें प्रशासन और चुनाव आयोग पर हैं —क्या इस बार “सुशासन की पुलिस” सच में जागेगी, या फिर मोकामा एक बार फिर हिंसा के साए में डूबा रहेगा?(Mokama Attack Rahul Kumar Assault)

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