पटना/जहानाबाद: बिहार की सियासत में एक बार फिर पाला बदलने का ऐसा नाटकीय घटनाक्रम सामने आया है, जिसने राजनीति के धुरंधरों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार, जो कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खुलकर आलोचना करते थे और उन्हें चुनौती देते हुए ‘करेजा (छाती) तोड़ने’ तक की बात कह चुके थे, उन्होंने अब अपने पुराने कड़वे बोलों को भुलाकर जनता दल यूनाइटेड (JDU) का दामन थाम लिया है।(arun singh join jdu)
यह घटनाक्रम उन लोगों के लिए एक बड़ा सबक है जो राजनीति में स्थायी शत्रुता या मित्रता की बात करते हैं। लालू-राबड़ी की ‘परिवारवादी राजनीति’ पर सवाल उठाने वाले अरुण कुमार खुद भी अपने बेटे ऋतुराज के साथ JDU में शामिल हुए हैं, जिससे यह साफ है कि सत्ता की बिसात पर विचारधाराएं और पिछली बयानबाजियां अक्सर गौण हो जाती हैं।अरुण कुमार की यह JDU में तीसरी पारी है, जो उनकी राजनीतिक यात्रा की अस्थिरता को दर्शाती है। वे पहले समता पार्टी में नीतीश के साथ थे, फिर JDU छोड़कर अलग हुए, 2010 में लौटे, और फिर 15 साल बाद फिर ‘घर वापसी’ की है।(arun singh join jdu)
जहानाबाद में होगा महासंग्राम: भूमिहार बनाम भूमिहार
इस राजनीतिक उलटफेर का सबसे बड़ा असर जहानाबाद की राजनीति पर दिखने वाला है। अरुण कुमार और उनके बेटे ऋतुराज का JDU में आना, मगध क्षेत्र में भूमिहार वोटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की नीतीश कुमार की रणनीति मानी जा रही है।खासकर तब, जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने हाल ही में जहानाबाद के एक और बड़े भूमिहार नेता जगदीश शर्मा के बेटे राहुल शर्मा (भूमिहार) को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है।अब, जहानाबाद की चुनावी बिसात पर दो युवा भूमिहार नेताओं के बीच सीधी टक्कर होने की संभावना है:
* JDU से अरुण कुमार के बेटे ऋतुराज (भूमिहार)
* RJD से राहुल शर्मा (भूमिहार)
यह मुकाबला सिर्फ दो पार्टियों के बीच नहीं, बल्कि मगध क्षेत्र के भूमिहार वोट बैंक पर अपनी-अपनी पकड़ साबित करने की ज़ोरदार जंग होगी। जिस नेता के साथ यह निर्णायक वोट बैंक खड़ा होगा, उसकी जीत की राह उतनी ही आसान हो जाएगी।
बिहार की राजनीति में यह दलबदल का मौसम ज़ोरों पर है और पूर्व सांसद अरुण कुमार की वापसी ने यह साबित कर दिया है कि सियासत का असली रूप यही है, जहाँ व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और चुनावी समीकरण स्थायी सिद्धांतों पर हमेशा भारी पड़ते हैं।इस राजनीतिक उठा-पटक के बीच आपकी क्या राय है? क्या जहानाबाद में भूमिहार बनाम भूमिहार की यह लड़ाई JDU या RJD में से किसके पक्ष में जाएगी?(arun singh join jdu)
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